अपने विधायकों को तो पढ़ाओ CM साहेब।देहरादून- covid-19 के मद्देनजर सरकार ने 25 मॉर्च 2020 को सभी निजी शिक्षण संस्थानों से विद्यालयों के खुलने के पश्चात ही शुल्क लेने का फरमान जारी किया। दूसरी ओर शिक्षकों एवं कार्मिको को वेतन देने को भी प्रतिबद्धता का पाठ भी पढ़ाया, जिससे निजी शैक्षणिक संस्थानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से भेंट कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया कि यदि शुल्क नही आएगा तो वह वेतन कैसे दे पाएंगे,जिस पर सरकार ने पुनः नया आदेश जारी कर कुछ शर्तों के साथ शैक्षणिक संस्थानों को फोरी राहत दी,आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया कि कोई भी स संस्थान जबरन शुल्क के लिए अभिभावकों पर दबाव न बनाएं,अभिभावक स्वेच्छा से शुल्क जमा कर सकते हैं,यदि कोई विद्यालय दबाव बनाए तो जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत कर सकते हैं।
दूसरी ओर केंद्र सरकार ने विधिवत स्कूल न खुलने की दशा में ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर छात्रों के हितों के संरक्षण के लिए राज्य सरकारों एवं सभी बोर्ड्स को आदेश जारी कर दिए।
लेकिन भाजपा से हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद को सरकार के आदेशों की खबर ही नही, उन्होंने आज अपने फेसबुक पर 25 मॉर्च का आदेश पोस्ट कर स्कूलों से फीस न लेने की सलाह दी,वंही इसे अनैतिक बताते हुए कानूनी लड़ाई की भी बात कही।
जब विधायक की यह दशा है तो अंदाज़ा लगा सकते हैं कि वह अपने क्षेत्र की दशा सुधार रहे होंगे,
हाल ही में गुरुकुल विवाद में भी विधायक और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के बीच शीत युद्ध चलता रहा,यह युद्ध सड़को पर उतर आया ,मदन कौशिक के खिलाफ आर्य समाज के संतों के साथ हरिद्वार की सड़कों पर खुद स्वामी यतीश्वरानंद मोर्चा सम्भाले हुए नजर आए, आरोप था कि गुरुकुल पर मंत्री कब्जा करना चाहता है,जबकि दूसरा पक्ष का आरोप था कि हरिद्वार ग्रामीण विधायक गलत तरीके से इस शैक्षणिक संस्था पर काबिज है।