विवादों में रहने वाले उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय इस बार कुलसचिव की कार्यशैली से विवादों से घिर गया,नवनियुक्त कुलसचिव डॉ माधवी गौस्वामी वैसे तो अपने अकड़ैल मिजाज के लिए सर्वविदित है ,लेकिन इस दफा उनकी कार्यशैली से छात्रों में असमंजस पैदा हो गया, एक ओर जंहा मुख्य परीक्षाओं का कार्यक्रम घोषित कर दिया तथा संस्थाओं को फार्म भरने के आदेश जारी कर दिए वंही दूसरी ओर विश्वविद्यालय ने सेशनल परीक्षाओं का परिणाम तक घोषित नही किया।
कुलसचिव की लापरवाही का आलम ये है कि अक्टूबर 2019 में पूरक (supplementary exam) परीक्षाओं के फार्म भरे जाने के पश्चात भी अभी तक वह परीक्षायें आयोजित नही हो पाई हैं।ऐसी स्थिति में छात्र असमंजस में थे कि वह मुख्य परीक्षायें दें तो दे कैसे जब तक उनके सेशनल एग्जाम और पूरक परीक्षाओ के परिणाम नही घोषित नही किए जाते।आज जब छात्रों ने कुलसचिव का घेराव किया तब जाकर कुलसचिव ने छात्रों को आस्वत कराया कि पहले सेशनल का परिणाम,फिर पूरक परीक्षाओं के परिणाम घोषित हो जाने के बाद मुख्य परीक्षाएं आयोजित की जाएगी।