-जनता को धन्यवाद की जगह, धन का दुरुपयोग करते दिखे माननीय
देहरादून। जनता जनार्दन के आशीर्वाद से सत्ता के सिंहासन तक पहुंचे नेताओं को जनता का धन्यवाद करने की बजाय उनके धन का दुरुपयोग करते हुए देखना किसी को भी अच्छा नहीं लगेगा। और वो भी धर्म प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री के पद को सुशोभित कर चुके डा. धन सिंह रावत की बात यहां हो रही है और अब उनके इस कदम से प्रदेश की जनता उनसे खाशी नाराज दिखायी दे रही है। टीवी चैनलों और सोसल मीडिया पर उनका फूलों से भरी सड़क पर चलने का वीडियो जब से वायरल हुआ तो तब से उन्हें जनता की तीखी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ रहा है। और ये प्रतिक्रियाएं अब तक भी आ रही हैं। दरअसल आज भाजपा में नरेंद्र मोदी ने जो कार्य पद्धति विकसित की है, वह यह है कि नेताओं को जनता का हितैषी दिखना है न कि घमंडी और इस वीडियो का जो संदेश है, वह घमंड की बानगी पेश कर रहा है। और वो भी तब जबकि आप बहुत कम अंतर से जीत कर आए हैं। हो सकता है कि पार्टी आला कमान भी उनकी इस सनक से खफा हो, लेकिन हाल फिलहाल जनता उनसे खुन्नस खाए बैठी है। क्योंकि इस तरह की बचकानी हरकत करना एक उच्च शिक्षा मंत्री रहे माननीय को तो बिलकुल भी शोभा नहीं देती है।
हाल ही जब प्रदेश में भाजपा की जीत के जश्न जगह-जगह चल रहे थे, तो उसी दौरान डा. धन सिंह रावत की जीत का जलशा भी यमुना कालोनी में आयोजित हुआ और इसकी साजो-सूरत देख कर हर कोई भौचक्का रह गया था। कालोनी की बाहरी सड़क से लेकर उनके आवास तक फूल ही फूल बिछे थे। इस पर उनके नाजुक पैरों पर भी लोगों ने कई कमेंट भेजे जिसके चटखारे अब तक लोग ले रहे हैं। किसी ने लिखा कि जनबा, इन नाजुक पैरों को जमीन पर मत रखिएगा।
वैसे भी डा. धन सिंह रावत हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। उनका बारिश का ऐप तो बहुत चर्चित रहा। और उसके बाद गांवों में भी ये कहावत चलने लगी कि अब बारिश को भी आप अपनी मर्जी से इधर-उधर कर सकते हैं। इसके अलावा भी यदा-कदा उनके वक्तव्यों पर चुटीले कमेंट जनता की तरफ से होते रहते हैं। क्योंकि उनकी बातों का आधार कम रहता है और वे हवाई ज्यादा होती हैं। और जनता को फिर बोलने का मौका मिल जाता है। भाजपा की इतनी अच्छी जीत पर उन्हें जतना का तहे दिल से धन्यवाद करने के बजाय, इस तरह की नादानी करना भला किसे अच्छा लगेगा। इधर ब्यूरोक्रेसी से भी बहुत सटीक कमेंट आ रहे हैं और ये समझिए कि इस समय उन्हें भी बोलने का मौका मिल गया है। दरअसल अधिकारी उनकी कार्यशैली से पहले ही नाखुश थे, क्योंकि कर्मचारियों पर बेवजह बरसना उनकी फितरत बन गई थी। इसका वीडियो भी तब सोसल मीडिया में बहुत चर्चाओं में रहा था। अब देखना होगा कि दूसरी पारी में उन्हें कौन सा मंत्रालय मिलता है, लेकिन यह बात दीगर है कि पिछले मंत्रालयों में उनके साथ काम करने वाले उनसे बहुत परेशान थे।