कर्नल कोठियाल का आम आदमी पार्टी का दामन थामने का मतलब एक अच्छे आदमी ने गलत पार्टी चुनकर लिया गलत निर्णय

देहरादून। जैसे कि कयास लगाए जा रहे थे, आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में कर्नल अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया है। पहाड़ के अनेक युवकों का भविष्य संवार कर फौज में भर्ती करवाने वाले अजय कोठियाल का आम आदमी पार्टी का दामन थामना अधिसंख्य लोगों को रास नहीं आ रहा है, क्योंकि आम आदमी पार्टी का दिल्ली माॅडल उत्तराखंड में चलने वाला नहीं है।
उत्तराखंड की जनता को यहां भाजपा-कांग्रेस के इतर तीसरे विकल्प की आवश्यकता महसूस हो रही थी। यूकेडी कोटे से दिवाकर भट्ट के मंत्री बनने के बाद उत्तराखंड क्रांति दल गर्त में चला गया तो लोगों को लगने लगा कि अब यहां भाजपा-कांग्रेस की बारी-बारी अपना खेल खेलते रहेंगे। उत्तराखंड के लोगों की दिली इच्छा थी कि भाजपा-कांग्रेस की मोनोपाॅली तोड़ने के लिए तीसरी पार्टी का होना बहुत जरूरी है। दिल्ली के बाद अरविंद केजरीवाल ने सीधे उत्तराखंड की ओर कदम बढ़ाकर लोगों में उम्मीद की एक किरण जगाई है, लेकिन अभी यह कहना मुश्किल होगा कि आम आदमी पार्टी यहां सफलता के कितने झंडे गाड़ पाती है, क्योंकि दिल्ली और उत्तराखंड की परिस्थितियों में बहुत अंतर है।
आम आदमी पार्टी यहां कुछ कर पाए या न कर पाए, लेकिन उसने राष्ट्रीय दलों के दिल में डर तो पैदा कर ही दिया है। वैसे यह काम यूकेडी को करना चाहिए था, लेकिन अपने कारनामों के कारण वह इस मामले में फिसड्डी साबित हो गयी।
बहरहाल, जनसेवा और राष्ट्र सेवा के लिए प्रसिद्ध कर्नल अजय कोठियाल पर आम आदमी पार्टी ने दांव तो खेल लिया, लेकिन जिस हिसाब से सोशल साइट्स पर उनके इस कदम की आलोचना हो रही है, उससे उनकी राह भी आसान नहीं दिखायी दे रही है। अनेक लोगों का मानना है कि जनसेवा करने वाले अजय कोठियाल के मन में राजनीतिक महत्वाकांक्षा हिलोरें मार रही थी, इसलिए उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामा है। वह भी ऐसी पार्टी का, जिसका दिल्ली में हिसाब-किताब ठीक नहीं है। आम आदमी पार्टी को वैसे भी वामपंथ का संस्करण माना जाता है। मुस्लिम तुष्टिकरण के पत्ते खेलने वाली इस पार्टी की हकीकत उत्तराखंड में सभी को पता है। फिर दिल्ली दंगे भी उत्तराखंडियों को याद हैं। लोगों का मानना है कि कर्नल अजय कोठियाल एक संजीदा इंसान हैं, लेकिन उन्होंने एक गलत पार्टी चुनकर कर गलत निर्णय लिया है। फिर केजरीवाल जैसे तानाशाह राजनीतिज्ञ के साथ कर्नल अजय कोठियाल की दाल कितनी गल पाती है, यह भी देखने वाली बात होगी। देशसेवा से जुडा़ एक महान फौजी अफसर आखिरकार उसी केजरीवाल की पार्टी में जा मिला,जो सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहा था।
कर्नल अजय कोठियाल ने लिखा है कि 19 अप्रैल हमारे लिए बड़ा दिन है। आज हम अपने जीवन में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाने जा रहे हैं।

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