देहरादून। भाजपा शासन के चार साल बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर मुख्यमंत्री बनाए गए तीरथ सिंह रावत ने अपने मंत्रियों को विभाग बांट दिए हैं। खास बात यह है कि तीरथ सिंह ने अपने पास त्रिवेंद्र सिंह से लगभग तीन गुने कम विभाग रखे हैं। त्रिवेंद्र के पास 55 विभाग थे, जबकि तीरथ के पास 19 हैं। मंत्रियों को पुराने ही विभाग दिए गए हैं। कुछ को अतिरिक्त विभाग भी दिए गए हैं।
तीरथसिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों की टकटकी विभागों के बंटवारे पर थी। मंगलवार को तीरथ सिंह रावत ने यह कार्य कर दिया। उन्होंने अपने पास गोपन (मंत्रिपरिषद), कार्मिक एवं अखिल भारतीय सेवाओं का संस्थापना विषयक कार्य, सतर्कता, सुराज, भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं जनसेवा, गृह कारागार, नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड एवं अर्द्धसैनिक कल्याण, वित्त, वाणिज्य कर, स्टांप एवं निबंधन, राज्य संपत्ति,, राजस्व, न्याय, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, नागरिक उड्डयन,, सूचना, लोकनिर्माण, आबकारी, नियोजन, सचिवालय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, ग्राम्य विकास, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा तथा औद्योगिक विकास (खनन) विभाग रखे हैं।
सतपाल महाराज को सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, जलागम प्रबंधन, भारत-नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग दिए गए हैं। वंशीधर भगत को विधायी एवं संसदीय कार्य, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, शहरी विकास, आवास, सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग दिए गए। डाॅ0 हरक सिंह रावत को वन, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन, श्रम, कौशल विकास एवं सेवायोजन, आयुष एवं आयुष शिक्षा, विशन सिंह चुफाल को पेयजल, वर्षा जल संग्रहण, ग्रामीण निर्माण, जनगणना, यशपाल आर्य को परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण तथा निर्वाचन दिया गया। वहीं, अरविंद पांडेय को विद्यालयी शिक्षा (बेसिक), विद्यालयी शिक्षा (माध्यमिक), खेल, युवा कल्याण, पंचायती राज, संस्कृत शिक्षा दी गयी है। सुबोध उनियाल को कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, उद्यान एवं कृषि प्रसंस्करण, उद्यान एवं फलोद्योग, रेशम विकास, जैव प्रौद्योगिकी, गणेश जोशी को सैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग दिया गया।
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के अंतर्गत डाॅ0 धनसिंह रावत को सहकारिता, प्रोटोकाॅल, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास तथा उच्च शिक्षा, रेखा आर्या को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, पशुपालन, दुग्ध विकास तथा मत्स्य पालन, स्वामी यतीश्वरानंद को भाषा, पुनर्गठन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग दिया गया।