उत्तराखण्ड के लोकपर्व फूलदेई आज उत्तराखण्ड ही नही बल्कि उत्तराखण्ड से बाहर रह रहे प्रवासी भी धूम धाम से मना रहे हैं,आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नें मुख्यमंत्री आवास पर फूलदेई पर्व मनाया ,इस उपलक्ष्य में उन्होंने वृक्षारोपण भी किया, वंही उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में माहाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी नें भी राजभवन में प्रवासी उत्तराखंडियों के फूलदेई त्योहर मनाया।
हिन्दू नव वर्ष के स्वागत में मनाया जाता है फूलदेई छम्मा देई त्यौहार
उत्तराखंड की धरती पर ऋतुओं के अनुसार कई अनेक पर्व मनाए जाते हैं । यह पर्व हमारी संस्कृति को उजागर करते हैं , वहीं पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए हैं । इन्हीं खास पर्वो में शामिल “फुलदेई पर्व” उत्तराखंड में एक लोकपर्व है | उत्तराखंड में इस त्योहार की काफी मान्यता है | इस त्योहार को फूल सक्रांति भी कहते हैं, जिसका सीधा संबंध प्रकृति से है । इस समय चारों ओर छाई हरियाली और नए-नए प्रकार के खिले फूल प्रकृति की खूबसूरती में चार-चांद लगा देते है | हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने से ही नव वर्ष होता है और नववर्ष के स्वागत के लिए खेतो में सरसों खिलने लगती है और पेड़ो में फुल भी आने लग जाते है | उत्तराखंड में चैत्र मास की संक्रांति अर्थात पहले दिन से ही बसंत आगमन की खुशी में फूलों का त्योहार “फूलदेई” मनाया जाता है |