डाॅ0 निशंक को साहित्य गौरव सम्मान

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कनाडा की संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने किया केंद्रीय शिक्षा मंत्री को अलंकृत
देेहरादूनः उत्कृष्ट रचनाधर्मिता के लिए हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार और केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक को साहित्य गौरव सम्मान-2021 से नवाजा गया। यह अलंकार कनाडा की संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड की ओर से दिया गया। 50 से अधिक देशों के साहित्यकार और साहित्यप्रेमी इस कार्यक्रम के साक्षी बने। डाॅ0 निशंक ने इस सम्मान को हिन्दी प्रेमियों को समर्पित किया। इस दौरान डाॅ0 निशंक के साहित्य पर प्रसिद्ध विद्वानों ने चर्चा की।


भारतीय समय के अनुसार शाम आठ बजे आरंभ हुए इस वर्चुअल कार्यक्रम में हिन्दी राइटर्स गिल्ड संस्था के पदाधिकारियों ने संस्था का विवरण परिचय दिया। इस मौके पर संस्था की दो पुस्तकों (ई संकलन) संभावनाओं की धरती और सपनों का आकाश का विमोचन किया गया। उत्तराखंड की राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य के हाथों पुरस्कार ग्रहरण करने के बाद डाॅ0 निशंक ने कहा कि हिन्दी राइटर्स गिल्ड हिन्दी के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहा है। हिन्दी का भविष्य उज्ज्वल है। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार हिन्दी विश्व की तीसरी बड़ी भाषा है, लेकिन जिस प्रकार हिन्दी का क्षेत्र बढ़ रहा है, उससे लगता है कि यह जल्द ही पूरे विश्व की नंबर एक भाषा बन जाएगी। उन्होंने कहा कि संस्कृत की सहोदरी भाषा हिन्दी समृद्ध है। इसमें दस लाख शब्दों की संपदा है। इसमें संवेदना, लालित्य और स्नेह है। यह संपूर्ण संसार की भाषाओं को अपनी बांहों में समेटकर चलने की विशेषता रखती है। भारत की नई शिक्षा नीति में हिन्दी को विशेष महत्त्व मिला है।
हंसराज काॅलेज की प्राचार्य डाॅ0 रमा ने डाॅ0 निशंक के साहित्य की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डाॅ0 निशंक ने अपने साहित्य में मानवता को प्रमुख स्थान दिया है। उनकी रचनाओं में प्रेम, प्रकृति और सौंदर्य तो है, लेकिन अधिक महत्त्व मानवता को दिया गया है। पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि निशंक संघर्षशील जीवन के पर्याय हैं। राजनीति में होते हुए कला को संजोए रखना बड़ी बात है और यह डाॅ0 निशंक बखूबी कर रहे हैं। राजनीति में रहकर रचनाधर्मिता कर रहे लोगों का हिन्दी साहित्य के इतिहास में उपयुक्तता के साथ उल्लेख होना चाहिए।
प्रसिद्ध साहित्यका प्रो0 योगेंद्र नाथ शर्मा ’अरुण’ ने कहा कि राजनीति में डाॅ0 निशंक ने राजनीति में रहते हुए बड़ा साहित्यकार बनकर यह दिखाया है कि संवेदनाओं और परिश्रम के बूते कोई कार्य मुश्किल नहीं होता। डाॅ0 निशंक जैसे संवेदनशील व्यक्ति के लिए अपनी कहानियों और उपन्यासों के लिए पात्र ढूंढने की आवश्यकता नहीं पड़ती, वे उन्हें सड़क, ाबों और होटलों मंे आसानी से मिल जाते हैं।
डाॅ0 अनिल जोशी ने कहा कि डाॅ0 निशंक वर्षों से हिन्दी के प्रचार-प्रसार की लौ जलाए हुए हैं, यह उनके हिन्दी प्रेम का प्रमाण है। डाॅ0 निशंक साहित्य के गौरव हैं। कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय विसारिया तथा काउंसलर अपूर्वा श्रीवास्तव ने डाॅ0 निशंक के रचनासंसार की सराहना की।
राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य ने कहा कि डाॅ0 निशंक न केवल प्रसिद्ध साहित्यकार हैं, बल्कि वे नई शिक्षा नीति पर का्रंति लेकर आए हैं। वे हमारी भारतीय संस्कृति और हिन्दी भाषा के ध्वजवाहक के रूप में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 शैलजा सक्सेना और धन्यवाद ज्ञापन अमृता शर्मा ने किया। इस मौके पर प्रसिद्ध लोकगायक प्रीतम भरतवाण, पर्यावरण्विद् चंडी प्रसाद भट्ट, डाॅ0 अनिल जोशी, मनोषी चटर्जी, सुमन घई, विजय विक्रांत, प्रो0 राधाकृष्णन, डाॅ0 लोनियो, आचार्य बालकृष्णा समेत देश-दुनिया के अनेक साहित्यकार और हिन्दी राइटर्स गिल्ड संस्था के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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