कई अधिकारियों से पुराने दायित्व छीने, सलाहकारों को हटाया
देहरादून। सत्ता बाढ़ की तरह होती है, जो अपने साथ अन्य कई चीजों को भी बहा ले जाती है। त्रिवेंद्र सिंह रावत से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पद क्या छीन गया कि उनके टीम सदस्यों की भी धीरे-धीरे छुट्टी होने लगी है। इसका कारण यह माना जा रहा है कि नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपनी टीम की नियुक्ति अपने अनुसार करना चाहते हैं।
नए मुख्यमंत्री के आते ही टीम त्रिवेंद्र में शामिल सलाहकार और अधिकारियों को हटाने का क्रम शुरू हो गया है। त्रिवेंद्र के काल में मुख्यमंत्री के सचिव का दायित्व देख रही आईएएस राधिका झा को हटाकर नई दिल्ली में मुख्यमंत्री की सचिव ऊर्जा, वैकल्पिक ऊर्जा तथा स्थानिक आयुक्त बनाया गया है। नीरज खैरवाल को सचिव (प्रभारी) मुख्यमंत्री से हटाकर सचिव (प्रभारी) मुख्यमंत्री ऊर्जा, प्र्रबंध निदेशक यूपीसीएस तथा प्रबंध निदेशक पिटकुल बनाया गया है। मेहरबान सिंह बिष्ट को मुख्यमंत्री के अपर सचिव के दायित्व से मुक्त कर अपर सचिव मुख्यमंत्री राजस्व, खनन, निदेशक खाद्य प्रसंस्करण तथा निदेशक खनन बनाया गया है। सुरेश चंद्र जोशी को अपर सचिव मुख्यमंत्री से हटाकर उन्हें अपर सचिव मुख्यमंत्री समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, निदेशक जनजाति निदेशालय उत्तराखंड, निदेशक उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण देहरादून तथा प्रबंध निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण निगम का दायित्व दिया गया है।
अहम बात यह है कि विमल कुमार को लघु उद्योग सलाहकार पद से हटा दिया गया है, जबकि रमेश भट्ट को मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार तथा केएस पंवार को उद्योग सलाहकार, डाॅ. अनिल बलूनी को शिक्षा सलाहकार और नरंेद्र सिंह को सलाहकार पद से हटा दिया गया है।
पुराने सलाहकारों और अधिकारियों को हटाने का एक संकेत यह भी है कि नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपनी टीम की छवि साफ-स्वच्छ बनाना चाहते हैं, क्योंकि बताया जाता है कि त्रिवेंद्र रावत की किरकिरी कराने में उनकी टीम के कुछ सदस्यों की अहम भूमिका रही है।