भारतीय वास्तुकला को विश्व के कोने-कोने तक ले जाएं।

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वास्तुकला परिषद के कार्यक्रम में बोले केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. ’निशंक’

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने वास्तुविदों का आह्वान किया कि वे भारत की वास्तुकला को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचनाएं। प्रयास करें कि इसका लाभ जन-जन तक मिले। यह हमारी ऐसी प्राचीन कला है, जिसने समस्त दुनिया में भारत को पहचान दिलायी है। हमारी प्राचीन सभ्यताएं बताती हैं कि वास्तुकला क्षेत्र में हम कितने समृद्ध रहे हैं।
वास्तुकला शिक्षा के न्यूनतम मानक विनिमय-2020 के अंगीकार (उद्घाटन) समारोह में बतौर मुख्य अतिथि डाॅ. ’निशंक’ ने कहा कि वास्तुकला के क्षेत्र में भारत सदियों से विश्व में नेतृत्व करता आ रहा है। सिंधुघाटी आदि की खुदाई में मिले अवशेष हमारी वास्तुकला समृद्धि की कहानी कहते हैं। वैदिक युग में भी यह कला विद्यमान थी।
वास्तु कला परिषद द्वारा आयोजित इंटरनेट कार्यक्रम में डाॅ. ’निशंक’ ने कहा कि कंबोडिया, इंडोनेशिया और वियतनाम में हमारी इस कला के सुंदर नमूने देखे जा सकते हैं। वहां के मंदिरों में आज भी भारतीयता की सुगंध महसूस की जा सकती है। वास्तुकला की शक्ति अद्भुत है। यह मनुष्य के रहन-सहन मंे सुरक्षा और समृद्धि देने में सहायक है। 2013 में केदारनाथ में आई भीषण आपदा में वहां के प्राचीन मंदिर का सुरक्षित रहना इस बात का प्रमाण है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भवन, मंदिर इत्यादि बनाते समय वास्तु का सही ध्यान रखा जाए तो वे बहुत फलदायी होते हैं। उनसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। वास्तुविदों को प्रयास करना चाहिए किस इस सुंदर कला और विज्ञान का लाभ जन-जन तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि 38 वर्ष बाद इसके मानकों में बदलाव आना हैरतअंगेज है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि फिर भी हम इस कला से पूरे विश्व को परिचित कराने में सफल रहेंगे। उन्होंने अधिकारियों का आह्वान किया कि वे नई शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से इसके प्रगति की राह पर ले जाएं, क्योंकि यह नीति प्राचीन को वर्तमान से जोड़ते हुए भविष्य के शिखर पर दृष्टि टिकाए हुए है।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि वास्तुकला कला ही नहीं, विज्ञान भी है। हमारे रहन-सहन में इसका बड़ा महत्त्व है। उन्होंने नई शिक्षा नीति-2020 को भारत के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला बताया।
इस अवसर पर डाॅ. ’निशंक’ ने वास्तु कला परिषद की विनिमय पुस्तिका का विमोचन किया और अपनी कविता ’ऐ वतन तेरे लिए’ की कुछ पंक्तियां सुनाकर अधिकारियों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा महानिदेशक मदनमोहन, वास्तुकला परिषद के अध्यक्ष हबीब खान, उपाध्यक्ष श्रीमती सपना तथा आलोक कुमार गुप्ता आदि उपस्थि थे।

(डाॅ. वीरेंद्र बर्त्वाल)

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