जड़ से जगत तक जोड़ेगी नई शिक्षा नीतिः मोदी

नई शिक्षा नीति-2020ः कान्कलेव में ’निशंक’ बोले-प्राचीन ज्ञान की ओर लौटने का प्रयास

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति-2020 की सराहना करते हुए इसे वर्तमान पीढ़ी की सामथ्र्य बढ़ाने वाली बताया। उन्होंने कहा कि हमारे इस प्रयास से पूरी शताब्दी को एक नई दिशा मिलेगी। भारतीय भाषाओं का संरक्षण करने वाली यह पाॅलिसी हमारी नई पीढ़ी को जड़ से जगत तक जोड़ेगी।
’राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनात्मक सुधार’ पर आयोजित काॅन्कलेव में प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 में छात्र हित में अनेक प्रावधा हैं। इससे बच्चों की नींव मजबूत होगी। इसमें ’क्या सोचना’ के बजाय ’कैसे सोचना’ पर जोर दिया गया है। बच्चों के ऊपर से बस्ते और पाठ्यक्रम का बोझ किया गया है। मल्टीपल इंट्री और एक्जिट सुविधा से छात्र को पढ़ने और आगे बढ़ने की की सुविधा मिल पाएगी। रिसर्च और एजुकेशन में गैप होने का फायदा छात्रों को मिलेगा।
मुक्त कंठ से इस नीति की सराहना करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह नीति विवादमुक्त तथा भारत के सपनों को संवारने वाली है। यह हमारे युवाओं में आविष्कार और विश्लेषण करने की आदतें डालेगी। 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श और लाखों सुझावों से निर्मित इस नीति के क्रियान्वयन पर सबकी निगाहें टिकी हैं। यह नीति निश्चित रूप से शक्तिशाली भारत का निर्माण करेगी।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंद किया। उन्होंने नई शिक्षा नीति का स्वरूप और उसके क्रियान्वयन से देश को होने वाले लाभों के विषय में बताया। उन्होंने कहा इस नीति के निर्माण में पूरे भारत से लोगों विचार लिए गए हैं। अभिभावकों, छात्रों, विषय विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों से इसके लिए सुझाव मिले हैं। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत हमारी जडे़ काट दी गई थीं, इस नीति के तहत उन्हें फिर हरा किया गया है। हम प्राचीन भारत के ज्ञान की ओर लौट रहे हैं। यह नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रेष्ठ, समृद्ध और विकसित भारत के सपने को साकार करेगी। व्यापक चर्चा-परिचर्चा के बाद अस्तित्व में आई इस नीति के क्रियान्वयन से शिक्षा के क्षेत्र में सुखद और लाभकारी परिणाम आएंगे। कान्कलेव में नई शिक्षा नीति के निर्माण के लिए बनी समिति के अध्यक्ष डाॅ. कस्तूरी रंजन, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, महाविद्यालयों के प्राचार्य और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे समेत अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।

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