अपनों’ को ’एडजस्ट’ करने के लिए रच डाला खेल

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देहरादूनः अपनों को एडजस्ट करने के लिए प्रदेश सरकार ने अंबे्रला एक्ट बना डाला। मंत्रिमंडल के इस बेहद महत्त्वपूर्ण निर्णय के तहत अब सभी विश्वविद्यालय एक ही कानून के तहत आ जाएंगे। अब उत्तराखंड तकनीकी विश्व्विद्यालय रजिस्ट्रार बनने के लिए बीटेक की योग्यता की बाध्यता खत्म हो गई है। ऐसे में वहां की पहले रही कुलसचिव डाॅ. अनीता राणा को फिर से चार्ज मिलना तय है। बताया जा रहा है कि यह खेल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की चहेती अधिकारी अनीता राणा को एडजस्ट करने के लिए रचा गया। सरकार ने चालाकी दिखाते हुए एक प्रकार से ’सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे’ की कहावत को चरितार्थ कर दिया है।

बता दें कि अनीता राणा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की चहेतियों में शुमार बताई जाती हैं। उनके पास बीटेक की डिग्री नहीं है। इसलिए उन्हें हाईकोर्ट के आदेश पर रजिस्ट्रार के कार्य से सरकार ने विरत रखा हुआ था। पालीटेक्निक वाले हरी सिंह को उनकी जगह कामकाज देख रहे थे। मुख्यमंत्री की करीबियों में गिनी जाने वाली डाॅ. अनीता राणा की टेक्निकल यूनवर्सिटी के कुलपति डाॅ.नरेंद्र चैधरी से किसी बात पर तनातनी चल रही थी। यह बात किसी से छिपी नहीं है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद डाॅ. अनीता को सरकार ने कार्य से विरत तो कर दिया था, लेकिन कार्यमुक्त नहीं किया था। अर्थात् संकेत साफ था कि कोई बीच का रास्ता निकालकर डाॅ. अनीता को इसी यूनिवर्सिटी में ’एडजस्ट’ कर दिया जाएगा। सरकार ने अब इसका रास्ता अंब्रेला एक्ट लाकर निकाल दिया है।
इस एक्ट के अनुसार अब एआर सौ प्रतिशत उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से
ही आएंगे। रजिस्ट्रार की सीट 50 प्रतिशत पदोन्नति और 50 प्रतिशत लोक सेवा आयोग से भरी जाएंगी। रजिस्ट्रार का कैडर बन जाने से इनमें अब तबादले भी होंगे। विधानसभा के अगले सत्र में इससे जु़ड़ा विधेयक पेश किया जाएगा। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।

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