हल्द्वानी। उत्तराखंड में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण से बढ़ रहे मरीजों की संख्या जहां चिंता का विषय है, वही आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने विवादास्पद बयान दिया, उत्तराखंड लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के बढ़ने के लिए आज मुख्यमंत्री जी ने उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया है। जिन पर वासियों को ला करके उत्तराखंड सरकार अपनी पीठ ठोक कर वाहवाही लूट रही थी आज उन्हीं को संक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया है। रावत जी पर यह कहावत सटीक बैठती है ”अंगूर खट्टे हैं”।
हल्द्वानी में आयोजित कोरोना समीक्षा की बैठक मुख्यमंत्री ने बयान दिया है कि प्रदेश में दूसरे राज्यों से प्रवासियों का लौटना बढ़ते कोरोना मरीजों का कारण है। जिन प्रवासियों को लेकर सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही थी आज अपनी नाकामियों का ठीकरा त्रिवेंद्र रावत जी ने उन्हीं प्रवासियों के सर फोड़ डाला।
महामारी के इस दौर में यदि प्रवासी उत्तराखंडी अपने घर न लौटे तो कहां जाएं। यदि सरकार समय रहते ही प्रवासियों की घर वापसी करवा देते तो शायद यह स्थिति नहीं होती। लेकिन प्रदेश सरकार ने लॉक डाउन के दो महा पद फंसे हुए प्रवासियों की निकालने की शुरुआत की शुरुआत की। जिसके कारण संक्रमण बढ़ बड़ी संख्या में हुआ।
आज प्रदेश की स्थिति है की कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 350 पहुंचने वाली है हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रदेश सरकार प्रवासियों को प्रदेश की सीमा पर कोरनटीन कराने में असमर्थ सी दिखती है। वर्तमान समय तक डेढ़ लाख के करीब बाहरी प्रदेशों में बस रहे प्रवासी उत्तराखंडी पहुंच चुके हैं । यह संख्या आने वाले दिनोंं में 5 लाख के करीब पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में कितने कोरोनावायरस से संक्रमित प्रवासी उत्तराखंड लौटेंगे इसका अनुमान लगाना मुश्किल है।