सीएम की कुर्सी संभालते ही पुष्कर धामी का कड़ा फैसला
ओमप्रकाश की विदाई, केंद्र से लाए गए सुखबीर सिंह संधू
देहरादून। पुष्करसिंह धामी द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कमान संभाले जाने की शुरुआत अच्छी रही। कैबिनेट बैठक में रोजगार दिए जाने का निर्णय लिए जाने के बाद जिस बड़े निर्णय की सराहना की जा रही है, वह है-मुख्य सचिव पद से ओमप्रकाश की विदाई। ये वही ओमप्रकाश हैं, जिनके बारे में बताया जाता है कि वे त्रिवेंद्र सिंह रावत के चहेते अफसर थे। अनेक लोग ओमप्रकाश को प्रश्रय देने के कारण त्रिवेंद्र रावत से खफा भी थे। इस प्रकार त्रिवेंद्र के चहेते अफसर को पहले ही दिन बाहर का रास्ता दिखाकर पुष्कर सिंह धामी ने संकेत दे दिया है कि राज्यहित से बढ़कर कुछ नहीं है।
राज्य के सबसे बड़े एक अफसर ओमप्रकाश की विदाई से उत्तराखंड में जितनी खुशी है, उतनी ही खुशी इस सीट पर केंद्र से सुखबीर सिंह संधू के आने को लेकर है। ओमप्रकाश के बारे में बताया जाता है कि उनकी कार्यशैली से अनेक अधिकारी, मंत्री, विधायक और जनता नाराज थी, लेकिन इसके बावजूद भी त्रिवेंद्र रावत ने ओमप्रकाश को मुख्य सचिव बनाए रखा। बताया जाता है त्रिवेंद्र शासन में ओमप्रकाश का एकक्षत्र राज था। उनकी अनमुति के बिना सभी बड़े काम नहीं होते थे। त्रिवेंद्र रावत से लोगों की नाराजगी की एक बड़ी वजह ओमप्रकाश ही थे, लेकिन त्रिवेंद्र या तो इसे समझ नहीं पाए या उनकी कोई मजबूरी थी कि वे ओमप्रकाश को सहन करते रहे। यहां तक कि तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्वकाल में भी ओमप्रकाश की सीट बरकरार रही, जबकि अन्य वरिष्ठ आईएएस अफसरों को यह दायित्व दिया जा सकता था। कुल मिलाकर ओमप्रकाश की शासन में जरूरत से अधिक दखलंदाजी हो गयी थी। तीरथसिंह भी इस बात को समझ सकते थे, लेकिन वे भी किसी मजबूरी के कारण कुछ नहीं कर पाए।
अंततः मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही पुष्कर सिंह धामी ने वह कर दिखाया, जो उत्तराखंड के अनेक मंत्रियों, विधायकों और जनता की इच्छा थी। पुष्कर के इस अप्रत्याशित निर्णय की सभी जगह प्रशंसा हो रही है। ओमप्रकाश की जगह सुखबीर सिंह संधू आ रहे हैं। वे अभी तक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन हैं। उन्होंने वहां बहुत सराहनीय कार्य किया है। वे इससे पहले मानवसंसाधन विकास मंत्रालय (अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ) में भी रह चुके हैं। श्री संधू उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी गिनकी काबिल और परिश्रमी अधिकारियों में होती है। उत्तराखंड के लिए ऐसे ही अधिकारी की आवश्यकता थी। बहरहाल, उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री श्री धामी ने उत्तराखंडवासियों की एक बड़ी मुराद पूरी की है।