मनीष वर्मा की बेल निरस्त करवाने को सुप्रीमकोर्ट ने दिए राज्य सरकार को निर्देश


देहरादून। ज़मीन फ़्रॉड के मामले में ज़मानत पर चल रहे मनीष वर्मा,संजीव वर्मा एवं नीतू की ज़मानत खारिज करने के लिए सुप्रीमकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है।

उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देशित किया गया कि वह एक सप्ताह के अन्तर्गत एसीजेएम (तृतीय) न्यायालय में मनीष वर्मा, संजीव वर्मा एवं नीतू वर्मा की जमानत (बेल) खारिज करने का आवेदन जमा करें। उधर माननीय उच्चतम न्यायालय ने एसीजेएम (तृतीय) कोर्ट से को भी निर्देशित किया कि वह आवेदन पर 25 अगस्त से पहले निर्णय ले। अगली तिथि 25 अगस्त निर्धारित की गई है। उच्चतम न्यायालय के सहायक रजिस्ट्रार द्वारा 04 अगस्त 21
को हस्ताक्षरित पत्र के माध्यम से जारी की गई।
गौरतलब् है कि डॉ अतुल कृष्ण द्वारा प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी कि मनीष वर्मा उनकी पत्नी श्रीमती नीतू वर्मा एवं उनके भाई संजीव वर्मा द्वारा उन्हें ट्रस्ट में 100 बीघा भूमि होने की बात बताकर एवं नकली कागज़ दिखा कर पैसे ले लिए गए एवं बाद में तहसील से जांच कराने पर लगभग 64.5 बीघे जमीन के कागज़ फर्जी पाए गए।


थाना कैन्ट, देहरादून द्वारा जाँच की गई एवं पाया गया कि यह सत्य था कि 100 बीघा जमीन के कागजों में से 64.5 बीघा जमीन के कागज़ फर्जी थे। इसके अतिरिक्त अन्य अनियमितताएं भी पायी गई। थाना कैन्ट द्वारा मनीष वर्मा, संजीव वर्मा एवं नीतू वर्मा के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 एवं 406 में आरोप पत्र सं0 72/2014 दिनांक 19.5.2014 को एसीजेएम (तृतीय) के न्यायालय में दायर कर दिया गया।
बवजूद इसके कि धाराएँ गैर जमानती थीं। मनीष वर्मा ने अपने दबदबे से सभी में बेल करवा ली। एक कथित मीडिया कम्पनी चलाने का दबाव बना कर मनीष वर्मा ने इस केस मे अभी तक सुनवाई नहीं होने दी। जल्दी सुनवाई करवाने के लिए डा. अतुल कृष्ण द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका संख्या 1899/2020 दायर की, किंतु मा0 उच्च न्यायालय में मनीष वर्मा आदि के विरूद्ध कोई आदेश पारित करने से इंकार कर दिया।
आखिरकार डा. अतुल कृष्ण द्वारा माननीय उच्चतम न्यायलय में एसएलपी सं0 2493/2021 दायर की गई। उच्चतम न्यायालय द्वारा मनीष वर्मा, संजीव वर्मा एवं नीतू वर्मा के विरूद्ध नोटिस जारी किया गया परन्तु मनीष वर्मा ने नोटिस नहीं लिया। 19 जुलाई 2021 को सुनवाई के समय उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया कि तीनों को पुलिस के माध्यम से नोटिस जारी करवाया जाए। पुलिस द्वारा मनीष वर्मा के घर जाकर नोटिस दिया गया फिर भी मनीष वर्मा ने नोटिस लेने से इंकार कर दिया।
2 अगस्त को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा इसे गम्भीरता से लिया गया तथा राज्य सरकार को आदेश दिया कि तीनों के विरूद्ध ट्रायल कोर्ट में मनीष वर्मा, संजीव वर्मा एवं नीतू वर्मा बेल खारिज कराने का आवेदन जमा करें तथा अगली तिथि 25 अगस्त लगायी गई है। उच्चतम न्यायालय द्वारा एसीजेएम (तृतीय) न्यायालय को भी आदेश दिया गया कि वह 25 अगस्त से पहले आवेदन पर अपना निर्णय दें।

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