चारधाम यात्रा चरमराई,धामी हुए फेल।

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हाईकोर्ट द्वारा उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सीमित संख्या में अनुमति मिलने से जंहा हिन्दू धर्म में आस्था रखने वालो में खुशी की लहर थी,वंही पर्यटन से जुड़े लोग भी उत्साहित थे, लेकिन यात्रा शुरू होने पर सरकार के लचर कार्य प्रणाली ने सबके अपने धूमिल कर दिए।

देश भर से आये यात्रियों को जंहा जगह जगह चेंकिग के नाम पर परेशान किया जा रहा है,वंही स्थानीय लोग भी इस ब्यवस्था के चपेट में आ गए हैं,आलम यह है कि अपने गांव से बाजार जाने तक के लिए उसे आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र साथ लेकर चलना पड़ रहा है,पहचान पत्र न होने की दशा में वह पुलिस और प्रशासन के मुशर्रफ शासन का कोपभाजन हो रहा है,स्थानीय जनता में धामी सरकार के इस तरह की कार्यप्रणाली से भारी रोष है,यही कारण है कि भाजपा के कट्टर समर्थक रहे पण्डा समाज ने जगह जगह प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू लर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 7 अक्टूबर को उत्तराखंड दौरा है,वह पहले एम्स में कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे,उसके पश्चात उनका केदारनाथ दर्शन का कार्यक्रम था,लेकिन विरोध की आग की लपटों से बचने के लिए मोदी ने अपना केदारनाथ का कार्यक्रम रद्द कर दिया।
पर्यटन व्यवसाय उत्तराखंड की रीढ़ है और धामी सरकार के कार्यप्रणाली से हरिद्वार से लेकर पूरे गढ़वाल क्षेत्र के लोगो में भारी रोष बढ़ता जा रहा है,आलम यह है कि पहली बार बद्रीनाथ धाम में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भी नारेबाजी हुई।
धामी इस ओर ध्यान देने की बजाय कानून ब्यवस्था का हवाला दे रहे हैं,स्थानीय लोगो का कहना है कि पुलिस और प्रशासन इसकी आढ़ में मोटी वसूली में जुटा हुआ है,प्रदेश के बाहर से आये लोगों से जबरदस्त वसूली की जा रही है,धामी सरकार अपनी पहली ही परीक्षा में फेल हो गयी है,इसका खामियाजा भाजपा को आने वाले 2022 के चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

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