पुरानी पेंशन योजना की बहाली के समर्थन में धनसिंह

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मुख्यमंत्री को पत्र लिख नई योजना की खामियां बताईं

देहरादून। उत्तराखंड के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत भी पुरानी पेंशन योजना के समर्थन में उतर गए हैं। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर नई पेंशन की खामियां और पुरानी पेंशन योजना की खूबियां बताते हुए पुरानी योजना की बहाली की पैरवी कर डाली है। अब देखना यह है कि त्रिवेंद्र सरकार अपने ही मंत्री की बात को कितना तवज्जो देती है। यदि इस पर कोई अमल नहीं होता है तो यह माना जाना चाहिए कि यह पत्र एक प्रकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे लोगों को तात्कालिक रूप से शांत करने के लिए सीएम को भेजा गया था।

बता दें कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इस बार उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकाॅल एवं दुग्धविकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धनसिंह रावत ही इन लोगों के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को इस आशय का पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी के पत्र का हवाला देते हुए लिखा गया है कि केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन योजना जनवरी, 2004 में बद कर नई पेंशन योजना लागू कर दी थी। उत्तराखंड में यह योजना अक्टूबर, 2005 में लागू हुई थी। डाॅ. रावत ने लिखा है कि इस नई योजना से कर्मचारियों के हित प्रभावित हो रहे हैं। इसमें कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। यह बाजार आधारित योजना है। पुरानी पेंशन योजना से जुड़े कर्मचारी नई पेंशन योजना के विरोध में आंदोलित हैं।
उधर, धनसिंह रावत के इस पत्र को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इसके पीछे कोई सियासी खेल भी हो सकता है। अब देखना यह है कि त्रिवेंद्र सरकार अपने ’वजनदार’ मंत्री की मांग पर कितना अमल करती है।

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