धामी के बाद कोश्यारी का मिशन भट्ट!

कोश्यारी महाराष्ट्र में रहकर बिछा रहे अपने प्यादों की बिसात।

नई दिल्ली। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी का उत्तराखंड की सियासत से मोह नहीं छूट नहीं पा रहा है। 2007 में मुख्यमंत्री न बनने की टीस कोशियारी को आज तक भी बेचैन किये हुए है, तब भुवन चन्द्र खंडूरी CM की कुर्सी लपकने में कोशियारी से आगे निकल गए, हाईकमान के इस निर्णय से कोशियारी खासे खफा हुए और उनके समर्थकों ने इसकी नाराजगी भी दिखाई, पर्यवेक्षक देहरादून के होटल पेसेफिक में विधान मंडल दल का नेता चुनने के बाद ब-मुश्किल बाहर निकल पाए और वर्तमान मुख्यमंत्री धामी जो कि कोशियारी के सबसे खासमखास विधायको में सुमार थे उन्होंने अपना आपा खो तत्कालीन मुख्यमंत्री खंडूरी की कार पर जोरदार लात मार कर अपने गुस्सा जाहिर किया था। समर्थक आपस में भिड़ते इससे पहले पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया था।

बहरहाल अपने चेले को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद कोशियारी राजनीति में खासे सक्रिय हो गए हैं। महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाए जाने के बावजूद वे रिमोट से ही राज्य की सियासत चला रहे हैं। यहां तक कि इन दिनों वह अपने पुराने सूबेदार, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और अपने सार्प शूटर उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत के सिर पर उन्होंने फिर से हाथ रख दिया है, वह इसलिए कि प्रदेश अध्यक्ष के बदलने की स्थिति में महेंद्र भट्ट के लिए ये दोनों समर्थन जुटा सके!
भगतसिंह कोश्यारी लंबे समय से उत्तराखंड की राजनीति से बाहर ही थे। मोदी सरकार ने उनकी उम्र को देखते हुए तथा संघ और भाजपा के लिए किए गए कार्यों के दृष्टिगत उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त कर दिया था। बताया जाता है कि इसके बावजूद कोश्यारी का उत्तराखंड की राजनीति से मोह नहीं छूट पाया है। खासकर अपने चहेते पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनवाने के बाद से वे उत्तराखंड की राजनीति में पर्दे के पीछे रहकर खासे सक्रिय हैं। वे चाहते हैं कि उनके चेला कामयाब रहे और आगे भी वे अपने मन की कर सकें। यही कारण है कि वे दिल्ली आकर अपने समर्थकों को फोन करके पुष्कर का समर्थन करने का आह्वान करते हैं। त्रिवेंद्र और धनसिंह को भी कोश्यारी के शिष्यों में शुमार माना जाता है, लेकिन यह भी बताते हैं कि त्रिवेंद्र के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद इन त्रिवेंद्र और धन सिंह से कोश्यारी खफा रहने लगे थे, परंतु आजकल दोनों से नाराजगी दूर करने के लिए कोशियारी ने दोनों के सिर पर हाथ रख दिया है। यहां तक है कि कोश्यारी उत्तराखंड में अपने खेमे को मजबूती देने के लिए महेंद्र भट्ट को प्रदेश बनवाने की फिराक हैं। बहरहाल, देखना यह है कि वे इसमें कितना कामयाब हो पाते हैं।

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